Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ देखकर तेरी रजा को, डूब मैं इतना गया। ϒ
hindi poems
देखकर तेरी रजा को, डूब मैं इतना गया।
पागलों सा हो गया, अश्क नैनों में भरा॥
चल पड़ा उस ओर मैं, उम्मीद एक जोड़कर।
फूल-फूल चुन लिए, पात-पात छोड़कर॥
हौसले बुलन्द हुए, संकेत तेरा मिल गया।
देखकर तेरी रजा को, डूब मैं इतना गया॥
सब्र न अब हो सका, प्यार का पहरा हुआ।
संगीत के छन्द भी, साथ मेरे चल दिए॥
एक छन्द ने कहा, प्यार आज हो गया।
देखकर तेरी रजा को, डूब मैं इतना गया॥
कदम तो अब बढ़ गया, आस की राह थी।
फांद गए आग पर, न जान की परवाह की॥
ख्वाब बस एक था, ओंठ तेरी चूम लूँ।
बाँह तेरी डालकर, एक बार झूम लूँ॥
संगीत भी चल रहा, काव्य न पूरा हुआ।
देखकर तेरी रजा को,डूब मैं इतना गया॥
©- गोपाल “गुलशन” – बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) ∇
हम दिल से आभारी हैं गोपाल “गुलशन” जी के प्रेरणादायक हिन्दी कविता साझा करने के लिए।
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Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।~Kmsraj51
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAJ51