Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ खुद को मत कमजोर समझ। ϒ
खुद को मत कमजोर समझ कभी।
पहचान अपनी शक्ति को कभी।
तुझमे भी है शक्तियां बहुत।
चाहे ताे खुद को आजमा ले कभी।
मुश्किलें तो आती है हर किसी के जीवन मे –
उस से ना डर कर बैठ कभी।
विश्वास रख खुद पर हर घड़ी।
विश्वास अगर रखेगा तो जीत पायेगा।
हर मुश्किल को कभी।
हार जीत तो लगी रहती है।
इससे कभी निराश ना हो।
कोशिश कर कर के ही जीत मिलती है।
निराश होकर बैठने से नही ।
चाहे आये आंधी तूफान डर के ना –
रूक जा रास्ते मे कही।
हंस कर पी ले घुट गम के सभी।
इक दिन जीत जायेगा तु, मुश्किलों को सभी।
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प्रत्येक सफल और सुंदर रचना के पीछे ….
विश्वास, आशा, आकांक्षा और हृदय की प्रबल इच्छा अवश्य विद्यमान रहती है।
इच्छा अगर प्रबल हो – तो ही रचना, अवश्य ही सुंदर बनती है॥
©- विमल गाँधी जी। ∇
हम दिल से आभारी हैं विमल गांधी जी के प्रेरणादायक हिन्दी कविता साझा करने के लिए।
विमल गांधी जी के लिए मेरे विचार:
♣ “विमल गांधी जी” की कविताआे के हर एक शब्द में अलाैकिक सार भरा हैं। जाे हर एक शब्द पर विचार सागर-मंथन कर हृदयसात करने योग्य हैं। कविताऐं छोटी और सरल शब्दाे में हाेते हुँये भी हृदयसात करने योग्य हैं। जाे भी इंसान इन कविताओं काे गहराई(हर शब्दाे का सार) से समझकर आत्मसात करें, उसका जीवन धन्य हाे जायें।
पढ़ें – विमल गांधी जी कि शिक्षाप्रद कविताओं का विशाल संग्रह।
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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”
In English
Amazing changes the conversation yourself can be brought to life by. By doing this you Recognize hidden within the, Weakness radiation, and encourage good solar radiation to become themselves.
~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)
“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”
~KMSRAJ51