Kmsraj51 की कलम से…..
Yog Banaye Nirog | योग बनाए निरोग।
स्वच्छ वायु से स्वस्थ बने हर श्वास,
करे नियमित व्यायाम एवं योग अभ्यास।
तंदुरुस्त शरीर, संतुलित आहार,
सेहतमंद दिनचर्या, मंथन और विहार।
नित नियम से जो करे रोज़ प्राणायाम,
शांत चित्त मन से वो छूए सभी आयाम।
शरीर से आत्मा को जोड़ना ही योग है,
प्रकृति के गोद में मानव सदा निरोग है।
पठन – पाठन, मनन – चिंतन में सहायक योग है,
ध्यान केंद्रित कर स्वस्थ जीवन यापन ही योग है।
संतुलित होता मन, प्रफुल्लित रहता है तन,
व्यायाम करता पोषित मनन और चिंतन।
शुद्ध हवा धमनियों में उर्जा का संचार करती,
आसनों का अभ्यास उर भीतर चेतना भरती।
आदियोगी शिव शंभू है जनक योग के,
योग अभ्यास से मनुज सदा मुक्त रहे रोग से।
एसिडिटी, शर्करा, बीपी से छुटकारा दिलाये,
योग के आगे आधुनिकता भी फेल हो जाये।
लाइलाज बीमारियों का योग ने निदान किया,
योग के रूप में आदियोगी ने वरदान दिया।
साईटिका, स्लिप डिस्क को भी योग ने ठीक किया,
वजन का नियंत्रण भी अब योग करके सीख लिया।
फायदे योग अभ्यास के और कितने आप को गिनाये,
जब तक श्वास शेष है, नियमित योग करते जाये।
♦ नंदिता माजी शर्मा – मुंबई, महाराष्ट्र ♦
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- “नंदिता माजी शर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — भाई अपने तन से मन से, दूर कुरोग करें। आओ योग करें। — योग कर्म है, योग धर्म है, · ऋषियों-मुनियों के निरोग जीवन का, योग ही तो एक मर्म है। सेहत का राज छिपा है योग में। जीवन का आनन्द रहना निरोग में।। छरहरी काया और शान्तिप्रद मन। हर रोज़ सुबह के समय योग करने के फायदे अनमोल है – यह हमारी पहली सांस को पुन: चक्रित करता है। योग का अभ्यास करने से शरीर किक-स्टार्ट होता है। ह्रदय रोग से बचाव करता है योग। दिमाग सदैव ही रहता है एक्टिव। बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता। योग के द्वारा सांसों को साध कर परमानन्द की अनुभूति किया जा सकता है। तन और मन को निरोग रखने के लिए प्रतिदिन योग करे।
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यह कविता (योग बनाए निरोग।) “नंदिता माजी शर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी मुक्तक/कवितायें/गीत/दोहे/लेख/आलेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी दोहे/कविताओं और लेख से आने वाली नई पीढ़ी और जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए।
नाम – नंदिता माजी शर्मा
साहित्यिक नाम : नंदिता “आनंदिता”
लेखिका/डिजीटल अलंकरणकर्ता/कवियत्री/समाज सेविका
संस्थापक/अध्यक्ष — कर्मा फाऊंडेशन
राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष — साहित्य संगम संस्थान (पंजीकृत साहित्यिक संस्था)
अलंकरण प्रमुख — साहित्योदय(पंजीकृत साहित्यिक संस्था)
अलंकरण अधिकारी — अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष — साहित्य संगम संस्थान, (महाराष्ट्र इकाई)
जिला प्रभारी — एन.जी.टी.ओ
मीडिया प्रभारी — महाराष्ट्र शब्दाक्षर
मुख्य संपादक — दोहा संगम ( मासिक ई पत्रिका )
प्रधान संपादक — वंदिता ( मासिक ई पत्रिका )
मुख्य संपादक — महाराष्ट्र मल्हार ( मासिक ई पत्रिका )
प्रधान संपादक — आह्लाद मासिक ई-पत्रिका
प्रधान संपादक — अविचल प्रभा मासिक ई-पत्रिका
कई विधाओं में लेखन।
अनेक ई-पत्रिकाओं का सफल संपादन।
विभिन्न साहित्यिक मंचो और गोष्ठियों से ‘श्रेष्ठ रचनाकार’ ‘सर्वश्रेष्ठ रचनाकार’ इत्यादि अनेक सम्मान प्राप्त।
हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में स्वतंत्र लेखन।
०६ साझा – संग्रह ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज।
अनावृत संचालन हेतु लन्दन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज।
०१ साझा – संग्रह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज।
०१ दिव्याक्षर ब्रेल साझा – संग्रह वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज।
हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा साहित्य भूषण सम्मान २०२३ से सम्मानित।
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