• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / Archives for kavita by sukhmangal singh

kavita by sukhmangal singh

विश्व विख्यात प्राचीन पुरी अयोध्या।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ विश्व विख्यात प्राचीन पुरी अयोध्या। ♦

सरयू नदी के तट पर स्थित प्राचीन काल की अयोध्या,
उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख विख्यात धाम अयोध्या।
राजा मनु के दौरान बसाई गई परम पूज्य प्रसिद्ध अयोध्या,
युद्ध के माध्यम से प्राप्त न होने वाली, पुनीत नगरी अयोध्या॥

योग प्रतीक के रूप में है अथर्ववेद कहता है अयोध्या,
रामायण के कहे अनुसार मनु जी द्वारा स्थापित है अयोध्या।
स्कन्द पुराण कथा कहती अमरावती के रूप में है अयोध्या,
हिंदू मठ मंदिर से सजी-धजी मूल रूप से अविनाशी अयोध्या॥

तीर्थकर ऋषभ नाथ जी की जन्म स्थली भी रही अयोध्या,
अजित नाथ जी दूसरे तीर्थकर का जन्म स्थान रही अयोध्या।
चौथे तीर्थकर अभिनन्दन नाथ जी की भी सम्मानित अयोध्या,
सुमित नाथ जी का जन्म बनारस धर्म कर्म प्रेरित अयोध्या॥

जैन वैदिक मतो के प्रवर्तक भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या,
चौदहवें तीर्थकर अनंत नाथ जी की आराध्य देव अयोध्या।
कोशल जनपद की पहले राजधानी रही यह थी अयोध्या,
सूर्यवंशी प्रतापी क्षत्रपों की प्रसिद्ध राजधानी रही अयोध्या॥

भगवान की जन्म स्थली विश्व विदित कल्याणकारी अयोध्या,
मानव सभ्यता की पहली पौराणिक काल की पूरी अयोध्या।
ऋषि मुनियों की तपोस्थली धुनि रमी है सदा सुखी अयोध्या,
कवि लेखक और पत्रकार की रचना करती रही अयोध्या॥

हनुमान गढ़ी के निकट भविष्य खिंच कनक भवन अयोध्या,
कनक भवन के सामने अवस्थित है दसरथ दरबार अयोध्या।
महावीर हनुमान जी रहते हैं यहीं गुफा में एक अयोध्या,
करते हैं जगत विदित रामजन्म भूमि – राम कोटि रक्षा अयोध्या॥

यहां न्याय प्रक्रिया से गुजरना पड़ा स्वाभाविक ही अयोध्या,
सिक्ख धर्म के लिए महत्व पूर्ण स्थान है पूज्य प्रसिद्ध अयोध्या।
यात्रा सलाहकार यहां पर गुरुनानक देव जी आए अयोध्या,
राजा रानी का संबंध कोरिया ने रहा है मूल रूप अयोध्या॥

रूस – भारत का प्राचीतम संबंध स्थापित किया अयोध्या,
भगवान बुद्ध के पूर्वजों की रचना हुई थी वही यह अयोध्या।
श्री राम नवमी, श्री जानकी नवमी, गुरूपूर्णिमा सावन झूला अयोध्या॥

चौरासी कोसी परिक्रमा क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएं अयोध्या,
चौदह भुवन चारों दिशाओं में पूज्य प्रसिद्ध अयोध्या।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग त्रिपुरारी की बनवाया कुश ने अयोध्या,
धूम मचाने शिव रात्रि को शिव जी आते राम की अयोध्या॥

सरयू नदी के तट पर स्थित प्राचीन काल से बसी अयोध्या,
अमरावतीपुरी सी दुनिया को अपनाती, भक्ति भाव में स्थित अयोध्या॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – इस कविता में कवि ने प्राचीन पुरी अयोध्या के गुणों और विशेषताओं का वर्णन किया है। महापुरुषों की पावन भूमि का मनोरम वर्णन किया है, जहाँ से पूरी दुनिया को ज्ञान, ध्यान, धर्म का बोध सदैव ही होता रहा। जिस भूमि पर प्राचीन समय से ही महापुरुष तपस्या करते आये है, निष्काम उपासकों की पुण्य गाथा से कण – कण सुशोभित है प्राचीन पुरी अयोध्या धाम। महाबली हनुमान जी के आराध्य की नगरी अयोध्या धाम।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (विश्व विख्यात प्राचीन पुरी अयोध्या।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Idहै:kmsraj51@hotmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

____Copyright ©Kmsraj51.com All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी साहित्य, हिन्दी-कविता Tagged With: glory of ayodhya, kavi sukhmangal singh, kavita by sukhmangal singh, mahima ayodhya dhaam kee, poem on ayodhya in hindi, Sukhmangal Singh, sukhmangal singh poem, sukhmangal singh poems, जय बोलो अयोध्या धाम की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता, महिमा अयोध्या धाम की, राम जन्मभूमि पर कविता, राम जन्मोत्सव पर कविता, राम पर कविता, राम पर श्लोक, राम राज्य पर कविता, रामायण श्लोक हिंदी में, विश्व विख्यात प्राचीन पुरी अयोध्या, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।

अयोध्या में गंधर्व गान।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ अयोध्या में गंधर्व गान। ♦

हिंद हिमालय की गोद से,
ऋषि – मुनि करते हैं ध्यान।
सभी के श्री मुख से निकला,
जय जय जय श्री सीताराम।

वेद श्री, श्रीमद् भागवत महाभारत,
रामायण, गीता, औ उपनिषद,
सर्वदा प्रासंगिक रहने वाले।
अपडेट करने के खोलें ताले।

बलशाली अभिमानी सानी रावण,
घमंड मर्दक उत्तम – नरोत्तम।
आतताई नाशक है सर्वोत्तम।
मान् करते गुरुजन का पुरुषोत्तम।

ढ़क नहीं पाए अंधविश्वास उमंग।
वृहद बिचार शीलता नेक ढंग।
घर संस्कृत की परंपरा हो ध्यान।
मानव जीवन संस्कार करे कल्याण।

विशाखा अनुपमा अयोध्या धाम,
कला और संचिका होता सम्मान।
प्रथम महापुरुषों का जन्म स्थान,
चारु दिशाओं को मिलता ज्ञान।

धरा धरातल होता यज्ञ ज्ञान स्थान।
अटके भटके मिलता बिरसा ज्ञान।
सहज समान भावना को सम्मान।
फैला तीनों लोक में संगीत गान।

शहंशाह बच पर रहते विद्वान,
कोई नहीं होता अज्ञान वान।
सदा से रही अजेय अयोध्या धाम,
वही मलिन का भी करती कल्याण।

रामायण महाभारत करें उत्थान,
सत्य पर चलने वाले का कल्याण।
जीवन जीने वालों कला निधान,
गीता औ उपनिषदों में वह ज्ञान।

दशो दिशाओं पर अवध का ध्यान,
आकर देवता करते गुणगान।
तल तलातल से होता प्रभु मान,
ऋषि – गंधर्व गावत अविरल गान।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – इस कविता में कवि ने अयोध्या की पावन भूमि के गुणों और विशेषताओं का वर्णन किया है। महापुरुषों की पावन भूमि का मनोरम वर्णन किया है, यह पावन भूमि सदैव से ही आध्यात्मिकता का स्रोत रहा है, जो आज भी निष्काम उपासकों की पुण्य गाथा से कण – कण सुशोभित करता है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (अयोध्या में गंधर्व गान।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

homepage-kmsraj51.png

 

____Copyright ©Kmsraj51.com  All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: glory of ayodhya, hindi poem for kids, kavita by sukhmangal singh, mahima ayodhya dhaam kee, poem on ayodhya in hindi, Sukhmangal Singh, sukhmangal singh poems, काव्य संग्रह – सुखमंगल सिंह, जय बोलो अयोध्या धाम की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता, महिमा अयोध्या धाम की, राम जन्मभूमि पर कविता, राम जन्मोत्सव पर कविता, राम पर कविता, राम पर श्लोक, राम राज्य पर कविता, रामायण श्लोक हिंदी में, सुखमंगल सिंह, सुखमंगल सिंह की कविताये, सुखमंगल सिंह की प्रकाशित कविताएं, सुखमंगल सिंह हिन्दी कविता

जय बोलो अयोध्या धाम की।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ जय बोलो अयोध्या धाम की। ♦

श्री राम के दर्शन की अभिलाषी,
लहरें गाती हैं श्री सीताराम की।
शैल शिखर से सरयू प्रति प्रताप में,
महिमा गाती ललित कलाम की।
जय बोलो अयोध्या धाम की॥

कंचन महल दशांश – सुखरासी,
पांव पखारने आती लहरें नाथ की।
जहां पृथु यज्ञ में आते हैं अविनाशी,
जल का आचमन करते मृदुभाषी।
जय बोलो अयोध्या धाम की॥

जहां सनत कुमारों की आवा जाही,
माता सरयू मानव कल्याण की।
जिसके दर्शन करने से मनुष्य जीवन,
धन्य हो जाता, ध्यान करें उस धाम की।
जय बोलो अयोध्या धाम की॥

अविद्या रूपी कर्म – मार्ग गामी,
स-काम पुरुषों के उद्धार की।
बोलो बोलो जय श्री सीताराम की।
जय बोलो अयोध्या धाम की॥

उपासना रूपी विद्या – मार्ग आमी,
निष्काम उपासकों की गाथा कहानी।
जाने अनजाने में किया पाप नाशक,
पाप विनाशक अयोध्या धाम की।
बोलो जय बोलो सीताराम की॥

भोग प्राप्त करने वाले दक्षिण मार्गी,
मोक्ष प्राप्त करने वाले उत्तर मारगी।
यात्रा करने वाले पुरुषोत्तम भगवान जी,
दोनों आधारभूत के गुणगान की।
बोलो जय बोलो अयोध्या धाम की॥

रंग लाए, समुद्र में निकला शब्द ‘तप’,
प्रथम स्वर के ‘अ’ से निर्मित अयोध्या।
ब्रह्मा के कानों में जय घोष गान की,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की।
बोलो जय बोलो अयोध्या धाम की॥

स्वर्गादी फल देने वाली कर्म – विद्या,
आदि अंत स्थान अयोध्या धाम की।
ऋषि – मुनि – महात्मा के देव स्थान,
गाती लहरें श्री पुरूषोत्तम धाम की।
बोलो जय बोलो सीताराम की॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – इस कविता में कवि ने सरयू नदी व अयोध्या के गुणों और विशेषताओं का वर्णन किया है। महापुरुषों की पावन भूमि का मनोरम वर्णन किया है, जहाँ पर उपासना रूपी विद्या – मार्ग आमी, निष्काम उपासकों की पुण्य गाथा से कण – कण सुशोभित है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (जय बोलो अयोध्या धाम की।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Idहै:kmsraj51@hotmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

____Copyright ©Kmsraj51.com All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: glory of ayodhya, kavita by sukhmangal singh, mahima ayodhya dhaam kee, poem on ayodhya in hindi, Sukhmangal Singh, sukhmangal singh poems, जय बोलो अयोध्या धाम की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता, महिमा अयोध्या धाम की, राम जन्मभूमि पर कविता, राम जन्मोत्सव पर कविता, राम पर कविता, राम पर श्लोक, राम राज्य पर कविता, रामायण श्लोक हिंदी में

कथा का सार तत्व।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ कथा का सार तत्व। ♦

आज यहां मैं कथा – सार
तुम्हें सुनाने आया हूं।
यहां सुकदेव परीक्षित का
संबाद बताने आया हूं।

इंद्रिय – शक्ति अगर चाहो तो,
इंद्र का पूजन शुरू करो।
ब्रह्म तेज की चाह अगर हो,
बृहस्पती – कृपा भरो।

चाहें श्री लक्ष्मी को खुश करना।
माया देवी का जप करना।
तेज की हो चाहे यदि तुम्हें,
अग्नि प्रज्ज्वलित करके पूजना।

वीर तुम्हें है बनना यदि,
रूद्र को खुश करते जाओ।
धन पाने की हो जो लालसा,
वसुओं के आराधक बन जाओ।

अन्न कृपा तुम पर होगी ही,
अदिति को यदि आप मनायें।
स्वर्ग प्राप्ति की हो अभिलाषा,
अदिति पुत्रों का जप करें कराएं।

राज्य प्राप्ति के लिए सुनो,
विश्व – देव को तुम गुनो।
अनुकूल प्रजा अगर चाहो तो,
साध्य देव को तुरंत चुनो।

दीर्घायु की इच्छा वाले,
अश्वनी कुमारों को न भूलना।
अगर पुष्टि की तेरी कामना,
पृथ्वी को है तुम्हें पूजना।

प्रतिष्ठा की यदि चाह तुम्हारी,
पृथ्वी आकाश की पूजा न्यारी।
सौंदर्य अगर तुम्हें है पाना,
गंधर्व के पूजन पे दृष्टि हो सारी।

पत्नी प्राप्ति की खातिर तुम,
करो उर्वशी अप्सरा की पूजा।
सभी का स्वामी बनना चाहो,
ब्रह्मा के अतिरिक्त कोई न दूजा।

यश की कामना अगर तुम्हारी,
यज्ञ पुरुष का ध्यान धरो।
और खजाना आप आना चाहो,
वरुण देव का मान करो।

यदि ध्यान विद्या प्राप्ति पर,
शिव – शिव का ध्यान लगावे।
पति-पत्नी परस्पर प्रेम पावें,
मां पार्वती की पूजा करावें।

धन उपार्जन के लिए हे नर,
विष्णु भगवान की पूजा कर।
बाधाओं पर पढ़ोगे भारी,
मरुत गनों का हो आभारी।

राज्य कायम रखने का हो ध्यान,
मन्वंतर के अधिपति का रख मान।
अभि-चारक के लिए तू नर,
देवों का मान तूं कर।

भोगों खातिर तेरा यदि सफर,
चंद्रमा की उपासना कर।
निष्काम प्राप्त की खातिर ध्यान,
परम पुरुष नारायण का मान।

सभी थपेड़े दूर भगाओ,
श्री नारायण की स्तुति गाओ।
संवाद सुकदेव और परीक्षित,
पढ़ो – पढ़ाओ और सुनाओ।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – किस-किस व्रत और पूजा, जप, तप, आराधना से क्या-क्या सिद्धि और प्राप्ति होगी। व्रत और पूजा, जप, तप, आराधना के महत्व व गुणों को समझाया हैं। आम इंसान के जीवन में सुख, शांति और खुशहाली के लिए उसे किस-किस व्रत और पूजा, जप, तप, आराधना को करना चाहिए, बहुत ही सरल तरीके से समझाया हैं।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (कथा का सार तत्व।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

homepage-kmsraj51.png

 

____Copyright ©Kmsraj51.com  All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: best short kavita in hindi, best short kavita on katha-vrat in hindi, kavita by sukhmangal singh, Poems In Hindi, poetry on vrat, satyanarayan vrat katha in hindi, short hindi kavita, Sukhmangal Singh, vrat katha in hindi, कथा का सार तत्व।, बृहस्पति भगवान की कथा विधि, वीरवार व्रत कथा आरती, व्रत कथा, व्रत कथा और पूजन विधि, व्रत कथाएँ, सत्यनारायण व्रत कथा आरती, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।

Primary Sidebar

Recent Posts

  • मां ने छोड़ी अन्तिम सांसें।
  • कुदरत का कहर तो बरपेगा।
  • समझो बरसात लगी है आने।
  • पिता।
  • ये कैसी यात्रा।
  • पर्यावरण का नुकसान।
  • देश भक्ति देख तुम्हारी।
  • दर्द – ए – कश्मीर।
  • ऑपरेशन सिंदूर।
  • संघर्ष है कहानी हर जीवन की।
  • हमारा क्या कसूर।
  • टूटता विश्वास।
  • मोबाइल फोन का असर।
  • चाह नव वर्ष की।
  • व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।
  • माँ बाप।
  • सास बहू।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

मां ने छोड़ी अन्तिम सांसें।

कुदरत का कहर तो बरपेगा।

समझो बरसात लगी है आने।

पिता।

ये कैसी यात्रा।

पर्यावरण का नुकसान।

देश भक्ति देख तुम्हारी।

दर्द – ए – कश्मीर।

ऑपरेशन सिंदूर।

संघर्ष है कहानी हर जीवन की।

हमारा क्या कसूर।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.