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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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poetry of shailesh mishra

महिला दिवस बधाईयां।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ महिला दिवस बधाईयां। ♦

कौन सा दिन महिलाओं के लिए नहीं है,
कुछ बातें सिर्फ़ समझने की, अनकही है।

जो यह कहते हैं कि आज महिला दिवस है,
वो अज्ञानी, नादान हैं, ये बेकार का बहस है।

पश्चिम का दुष्प्रचार है, भ्रम है एक साजिश है,
भोले भाले भारतीयों को भटकाने की कोशिश है।

महिलाएं हैं तो हम हैं, इस धरती पे जिंदगी है,
सुबह की पहली चाय से लेकर रातों की दूध हल्दी है।

निर्जीव मिट्टी गारे पत्थर को घर बनाने वाली,
प्रेम, वात्सल्य, त्याग से जीवन अंदर लाने वाली।

कभी अपनी पहचान कभी सम्मान हार बैठती है,
बेशिकन आदि से अ़ंत दिलो-जान वार बैठती है।

कितना किरदार बदलती नित हँसते रोते,
हम पुरूष तो कब के टूट बिखर चुके होते।

पेट ही नहीं वो हृदय में ज्ञान ओ प्राण भरती है,
हम सत्यवानों के लिए यमराज से भी लड़ती है।

एक कदम भी चल ना पाएँ गर माताएँ ना हों,
राम कैसे श्रीराम बनेंगे गर सीताएँ ना हों।

और हम मूढ़ कहते हैं सिर्फ एक दिवस उनका है,
क्षमा करो देवी, आपका बालक अबोध तिनका है।

हे जड़मति! पहचानो अपनी माँ, शक्ति स्वरूपा नारी को,
जीवनदात्री, जग निर्मात्री, वास्तविक अधिकारी को।

स्नेह, आशीष बनाये रखें, आदम के वंशज पर,
आँचल की दें छाँव, सुरक्षा, सुत औ राष्ट्रध्वज पर।

हर दिन क्या हर लम्हा आपका दिवस हो जय जयकार हो,
हृदय की गहराइयों से सादर पदवंदन स्वीकार हो।

(अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर श्रद्धामना मातृशक्ति को समर्पित)

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – कवि इस संसार के लोगो से प्रश्न कर रहे हैं – आखिर क्यों केवल एक दिन ही नारी को वह मान सम्मान दे जिसकी वह सदैव से हकदार हैं? क्या केवल एक दिन का मान सम्मान ही काफी हैं उनके लिए? इस पर गंभीरता से विचार करें। आखिर जो हर शक्ति से सम्पूर्ण हैं चाहे वो किसी भी रूप में हो, माँ, बहन, दादी, पत्नी, काकी हर रूप में सदैव ही हम पर प्यार, ममता बरसाती हैं। आज के समय में नारी हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं, चाहे वह आसमान हो, या समुद्र हर जगह अपना सम्पूर्ण योगदान दे रही हैं। माँ बन कर जीवन में पूर्णता पा लेती है नारी, सर्वस्व अपना सौंप कर, बच्चों को महान बनाती हैं नारी। जैसे प्रकृति धरती सदैव ही देना जानती है, उसी की तरह, बस देना ही जानती है नारी, प्रेम, भाव, इज्जत, बस यही तो मांगती हैं नारी। जीवन के हर पड़ाव में, बस आलंबन चाहती है नारी, वरना तो वो स्वयं शक्ति है, और हर किसी पर भारी है नारी। नारी को सरल समझने की भूल न करो, ईश्वरत्व का मिश्रण है नारी, हम खुद अपना सम्मान करें, और मान करें हम हैं नारी। ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ पर साहस व शौर्य की प्रतिमूर्ति नारी शक्ति को नमन। नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है।

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यह कविता (महिला दिवस बधाईयां।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

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आप सभी का प्रिय दोस्त

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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मेरा मन।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ मेरा मन। ♦

घड़ी दो घड़ी तो मेरे पास भी बैठ।
कभी खामोश कभी उदास भी बैठ।
तितलियों सा बेफिक्र डोलते रहते हो।
कभी परेशान कभी हताश भी बैठ।
आसमान में उड़ते रहते चिड़ियों सा,
सबके खेत में घुस जाते हो नदियों सा।

अपने पराये, लोकलाज का कोई शर्म नहीं।
ठहर क्यूँ नहीं जाते, ऐ मन, सदियों सा।
नजर लग जाएगी थक के कभी तू ,
मेरे पहलू में आ बदहवास भी बैठ
घड़ी दो घड़ी…..

मत भूल ये अपना गाँव नहीं शहर है।
जमाने की टेढी, तुम ही पे नजर है।
सभी को खबर है तेरी दिलनवाजी का।
तुमको ही अपनी नही कोई खबर है।
पर्दे का थोड़ा तो लिहाज लाजिमी है।
कभी नाउम्मीद, हो निराश भी बैठ।
घड़ी दो घड़ी…..

पंथी, ग्रंथी औ पुजारी, महापौर का,
तू मेरा ही है या है किसी और का।
तन-स्पंदन में भी कभी मिलते नहीं।
तू इसी दौर का है या है उस दौर का।
बता तुझे ला दूंगा सारे खेल खिलौने।
ला दूंगा तुझको जमीं आकाश भी बैठ।
घड़ी दो घड़ी…..

बीच – बीच में लंबी ताजी साँसें लो सुस्ता लो।
कभी – कभी अपने घर का भी रस्ता लो।
मेहमान नवाजी, आवारगी कुछ दिन ही अच्छी।
वतन वापसी का विकल्प भी बावस्ता लो।
रोज दीवान-ए-आम तू जाया करता है।
आज हृदय के साथ दीवान-ए-खास भी बैठ।
घड़ी दो घड़ी…..

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – मन के यूँ उमड़ने – घुमड़ने की प्रक्रिया को समझाने की कोशिश की है। मन से संवाद किया है, सभी को खबर है तेरी दिलनवाजी का तुमको ही अपनी नही कोई खबर है। मेरे पहलू में आ बदहवास भी बैठ घड़ी दो घड़ी।

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यह कविता (मेरा मन।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

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तोते में जान।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ तोते में जान। ♦

मुहब्बत की यूँ इब्तिदा नजर आती है।
उसकी सूरत में मुझे माँ नजर आती है,
दिल ये मानने को हरगिज राजी नहीं।
उसकी ना – ना में भी हाँ नजर आती है।

मेरे नाम पे उसकी भी नजर झुक जाती।
थोड़ी – थोड़ी वो भी मेहरबां नजर आती है।
वो जो नहीं भी कहती मैं समझ जाता हूँ।
आँखें आईना ही नहीं जुबां नजर आती है।

जबसे मन नें नजरिया, लिबास बदला है।
बहुत खूबसूरत ये दुनियाँ नजर आती है।
खुद से भी लंबी गुप्तगू होने लगी है अब।
साँसों में एक दरिया रवां नजर आती है।

ये दुनियाँ कहती है कि तू बावरा हो गया है।
मुझे ये दुनियाँ बावरा, दरमियाँ नजर आती है।
हो सकता है कि वो ठीक भी कह रहे हों,
पर मुझे बारहा ये उल्टा चश्मा नजर आती है।

मतलब साफ है कि हमें इश्क़ हो गया है।
आशिकों को और कुछ कहाँ नजर आती है।
अब समझ में आ रहा, क्यों किसी को खुदा,
और एक तोते में अपनी जाँ नजर आती है।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – प्यार के दौरान मन में उमड़ने वाले भावनावों को सरल शब्दों में बयां किया है। किस-किस तरह के विचार मन में उमड़ने लगते है, यह भी समझाने की कोशिश की हैं।

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यह कविता (तोते में जान।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

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दीप जलाना होगा।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ दीप जलाना होगा। ♦

घर – घर दीप जलाना होगा।
अंधेरा दूर भगाना होगा।
आसमान ही टूट पड़ा है,
कंधा सबको लगाना होगा।

माना विपदा बहुत बड़ी है।
जिंदगी सहमी डरी खड़ी है।
नागवार मुश्किल वक्त है।
मानव अस्त-व्यस्त, त्रस्त है।

इन्सां इन्सां को लील रहा है।
बचे खुचे को छील रहा है।
हवा में ऐसी जहर घुली है।
राजा रंक की पोल खुली है।

जंग जारी है, जंग जीतेंगे।
गर रहे एकजुट संग, जीतेंगे।
थोड़ी त्याग, तपस्या थोड़ी,
सबको ही कर जाना होगा।
घर – घर दीप जलाना होगा।

बंद करो जनसभा ओ धरना।
कुंभ, समागम, चुनाव लड़ना।
आपदा में भी अवसर ढ़ूढ़ना।
भेष बदल भाईयों को लूटना।

लाशों पे भी राजनीति, छी छी,
मुनाफाखोर आयोग, समिति, छी छी।
साँसें दो, उच्छवास दो हमें।
महफूज हूँ, एहसास दो हमें।

मेरे हिस्से की हवा चाहिये।
रोटी मत दो, दवा चाहिये।
मेरी जरुरत फिर तुझे होगी।
सत्ता को भी धमकाना होगा।
घर – घर दीप जलाना होगा।

किसकी कम या ज्यादा गलती।
साँस नहीं इस बात से चलती।
ये वक्त नहीं दोषारोपण का,
मेरी, तेरी, छिद्रान्वेषण का।

अब तो कहना, अनुशासन मानो।
कौन, कहाँ, क्या, कब, पहचानो।
वरना समूल ही मिट जाएगा।
इक प्यादा से पिट जाएगा।

जागो, उठो, अब भी संभलो।
कुछ दिन भीड़ मे मत निकलो।
साहस, विश्वास, सहयोग से बढ़के।
वैद्य न कोई, समझाना होगा।
घर – घर दीप जलाना होगा।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – जीवन में कितना भी उतार चढ़ाव आए, कितनी भी विपरीत परिस्थिति आए यूँ ही घबराकर रुकना नहीं, एक न एक दिन फिर से जीवन में खुशियों की बरसात होगी। किसकी कम या ज्यादा गलती। साँस नहीं इस बात से चलती। ये वक्त नहीं दोषारोपण का एक दूसरे पर।

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यह कविता (दीप जलाना होगा।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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बंजर जमीं पे भी।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बंजर जमीं पे भी। ♦

अदाओं में उसके सवालात होगी।
निगाहों में उसकी करामात होगी।
बच के कहाँ जायेगा तेरा आशिक।
मुझको यकीं है मेरी मात होगी।

सोचा ना था ये भी हालात होगी।
सरेआम रूसवा यूँ जज्बात होगी।
किसी और के पहलू में सिमटकर।
मेरी जां यूँ तुमसे मुलाकात होगी।

निशाने पे हाँ अब मेरी जात होगी।
खतरे में धर्म भी और औकात होगी।
वर्षों से सोया समाज भी जागेगा।
बहुत जल्द ये भी तिलस्मात होगी।

तोहमत की बौछार, आघात होगी।
बाकी सभी मसलों पे बात होगी।
है कौन बेवफा किसने वादा निभाया।
ये सवाल टालकर जश्न की रात होगी।

करूँ चिर प्रतीक्षा मैं दरख्वास्त होगी।
वो एक बार कह दे कि फिर प्रात होगी।
बदलेगा पहलू, पहेली और मौसम।
सुध! बंजर जमीं पे भी बरसात होगी।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – जीवन में कितना भी उतार चढ़ाव आए, कितनी भी विपरीत परिस्थिति आए यूँ ही घबराकर रुकना नहीं, एक न एक दिन फिर जीवन में बरसात होगी।

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यह कविता (बंजर जमीं पे भी।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

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