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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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Women`s day

तुम से ही।

Kmsraj51 की कलम से…..

Tum Se Hi | तुम से ही।

तुम एक स्त्री हो,
विधि का विधान हो,
तू गुणों की खान हो।

हर शै में समाई हो,
कभी बहन, कभी बेटी,
कभी सुंदर गृहणी बन आई हो।

तेरे बिना अस्तित्व नहीं संसार का,
तू तो सार है केवल आर~पार का,
तू ही तो संसार का श्रृंगार हो।

तू घर की पूजा है तू ही तो आराधना है,
तुझ से ही तो मकान से घर बना है,
तेरी हंसी से खिलता घर का आंगन हो।

जीवन संभव नहीं कोई तेरे बिना,
तुझ बिन जग में होता नही जीना,
संस्कृति में तो तू ही दुर्गा और काली हो।

♦ सुशीला देवी जी – करनाल, हरियाणा ♦

—————

  • “श्रीमती सुशीला देवी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — नारी तू नारायणी, तू आदिशक्ति की अंश है, कभी माँ के रूप में, बहन के रूप में, बेटी के रूप में, व पत्नी के रूप में व अन्य बहुत सारे रूपों में सदैव ही अपना कर्त्तव्य बहुत अच्छे से निभाती हैं। तेरे बिना अस्तित्व नहीं इस संसार का, तू ही तो सार है केवल आर~पार का, तू ही तो संसार का श्रृंगार हो। जीवन संभव नहीं कोई तेरे बिना, तुझ बिन जग में होता नही जीना। तू ही तो घर की पूजा है तू ही तो आराधना है, हे नारी तुझ से ही तो मकान से घर बना है, तेरी हंसी से खिलता सदैव घर का आंगन हैं।

—————

यह कविता (तुम से ही।) “श्रीमती सुशीला देवी जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम श्रीमती सुशीला देवी है। मैं राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ब्लॉक – घरौंडा, जिला – करनाल, में J.B.T.tr. के पद पर कार्यरत हूँ। मैं “विश्व कविता पाठ“ के पटल की सदस्य हूँ। मेरी कुछ रचनाओं ने टीम मंथन गुजरात के पटल पर भी स्थान पाया है। मेरी रचनाओं में प्रकृति, माँ अम्बे, दिल की पुकार, हिंदी दिवस, वो पुराने दिन, डिजिटल जमाना, नारी, वक्त, नया जमाना, मित्रता दिवस, सोच रे मानव, इन सभी की झलक है।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2023-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: sushila devi, sushila devi poems, Women`s day, तुम से ही, तुम से ही - सुशीला देवी, नारी की महिमा पर कविता, नारी पर कविता हिंदी में, भारतीय नारी कविता, महिला दिवस पर कविता इन हिंदी, मैं नारी हूँ कविता, सुशीला देवी, सुशीला देवी जी की कविताएं

महिला दिवस – बधाईयां।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

♦ महिला दिवस – बधाईयां। ♦

Women’s Day

Womens-Day-kmsraj51.png

अंतर्राष्ट्रीय – महिला दिवस

कौन सा दिन महिलाओं के लिए नहीं है।
कुछ बातें सिर्फ़ समझने की, अनकही है।
जो यह कहते हैं कि आज महिला दिवस है।
वो अज्ञानी, नादान हैं, ये बेकार का बहस है।
पश्चिम का दुष्प्रचार है, भ्रम है एक साजिश है।
भोले भाले भारतीयों को भटकाने की कोशिश है॥

महिलाएं हैं तो हम हैं, इस धरती पे जिंदगी है।
सुबह की पहली चाय से लेकर रातों की दूध हल्दी है।
निर्जीव मिट्टी गारे पत्थर को घर बनाने वाली।
प्रेम, वात्सल्य, त्याग से जीवन अंदर लानेवाली।
कभी अपनी पहचान कभी सम्मान हार बैठती है।
बेशिकन आदि से अ़ंत दिलो-जान वार बैठती है॥

कितना किरदार बदलती नित हँसते रोते।
हम पुरूष तो कब के टूट बिखर चुके होते।
पेट ही नहीं वो हृदय में ज्ञान ओ प्राण भरती है।
हम सत्यवानों के लिए यमराज से भी लड़ती है॥

एक कदम भी चल ना पाएँ गर माताएँ ना हों।
राम कैसे श्रीराम बनेंगे गर सीताएँ ना हों।
और हम मूढ़ कहते हैं सिर्फ एक दिवस उनका है।
क्षमा करो देवी, आपका बालक अबोध तिनका है।
हे जड़मति! पहचानो अपनी माँ, शक्ति स्वरूपा नारी को।
जीवनदात्री, जग निर्मात्री, वास्तविक अधिकारी को॥

स्नेह, आशीष बनाये रखें, आदम के वंशज पर।
आँचल की दें छाँव, सुरक्षा, सुत औ राष्ट्रध्वज पर।
हर दिन क्या हर लम्हा आपका दिवस हो, जय जयकार हो।
हृदय की गहराइयों से सादर पदवंदन स्वीकार हो॥

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी श्रद्धामना मातृशक्ति को समर्पित।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से नारी के कई रूपों का व् गुणों का वर्णन किया है।

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यह कविता “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: स्वाद बदलना होगा।
  • जरूर पढ़े: क्या-क्या देखें।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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एक माँ का सन्देश।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ एक माँ का सन्देश। ϒ

सब माँओ की तरह मैं भी अपनी माँ से बहुत प्यार करती हूँ, उनका बहुत सम्मान करती हूँ। आज जब मैं स्वयं दो प्यारी बेटियों कि माँ हूँ, तो मैं उस अहसास को अच्छी तरह समझ सकती हूँ जो एक बेटी को स्वावलंबी बनाने के लिए आवश्यक है।

मेरी माँ ने मुझे पढ़ाया लिखाया और आत्मनिर्भर बनाया व यह सिखाया कि “शिक्षा” (Education) से बढ़कर कुछ नहीं है। शिक्षा ही मनुष्य को सही मायनों में मानवाेचित गुण जैसे – प्रेम, करुणा, त्याग, देश प्रेम आदि सिखाती है। एक बेटी को पढ़ाना और अधिक अनिवार्य है क्योकि आने वाले समय में वह एक परिवार का, एक नये समाज का सृजन करेगी। बेटी को पढ़ाना अत्यधिक अनिवार्य है काम है क्योकि हमारे भारत में अभी भी लड़कियों की शिक्षा की तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया जाता।

तो ये नीचे लिखी कुछ पंक्तियाँ या याें कहाे की कुछ छाेटे-छाेटे संदेश उन सब के लिए हैं जाे बेटियाें की शिक्षा काे व्यर्थ मानते हैं …..

बेटी फूल है नहीं है शूल।
बेटी पढ़ना मत जाना भूल।

पड़ेगी बेटी तो जागेगा परिवार।
भारत ही नहीं, देखेगा संसार।

बेटी अबला नहीं, आलंबन है।
पढ़ाई से उसका, स्वावलंबन है।

 बेटी पढ़ेगी ताे पढ़ेगा इंडिया।
हर कदम पर आगे बढ़ेगा इंडिया।

भारत की बेटी पर, हर किसी को नाज़ होगा।
और भारत के सिर पर “जगतगुरु” का फिर वही ताज होगा।

हर भारतवासी को अपना फर्ज़ निभाना है।
और बेटों से पहले बेटी को बचाना और पढ़ाना है।

मेरी कही हुई इन बातों से यदि भारत की एक बेटी को भी शिक्षा प्राप्त हो गई तो मैं ये समझूंगी की मेरा प्रयास सार्थक हो गया, मेरा लेखन प्रामाणिक हो गया(My writing became authentic)।

©- विदुषी शर्मा जी, दिल्ली ∇

ID : neerjasharma98@gmail.com

विदुषी शर्मा जी।

हम दिल से आभारी हैं विदुषी शर्मा जी के प्रेरणादायक हिन्दी Poem साझा करने के लिए।

विदुषी शर्मा जी के लिए मेरे विचार:

♣ “विदुषी शर्मा जी” की कविताआे के हर एक शब्द में अलाैकिक सार भरा हैं। जाे हर एक शब्द पर विचार सागर-मंथन कर हृदयसात करने योग्य हैं। कविताऐं छोटी और सरल शब्दाे में हाेते हुँये भी हृदयसात करने योग्य हैं। जाे भी इंसान इन कविताओं काे गहराई(हर शब्दाे का सार) से समझकर आत्मसात करें, उसका जीवन धन्य हाे जायें।

पढ़ें – विमल गांधी जी कि शिक्षाप्रद कविताओं का विशाल संग्रह।

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Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
of,,  https://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

 ~Kmsraj51

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यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!! cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

 

 

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Women`s Day !!



kmsraj51 की कलम से …..
women`s dayWomen`s Day !!

Women in Freedom Struggle

विश्व में भारत ही ऐसा देश है, जिसकी स्वतंत्रता के लिए पुरूषों के साथ महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर अपना पूरा योगदान दिया। गाँधी जी के आह्वान पर अनेक महिलाओं ने विभिन्न क्रांतिकारी गतिविधियों में अपने प्राणों की परवाह किये बिना स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। जिन महिलाओं ने कभी घर से बाहर कदम भी नही रखा था, उन्होने भी भारत माता की आजादी के लिए अनेक महिलाओं को नेतृत्व प्रदान किया। हजारों महिलाओं ने स्वतंत्रता के यज्ञ को अपनी आहुती से सफल बनाया। सत्याग्रह के दौरान लगभग 15000 से भी ज्यादा महिलाएं जेल गईं। उन्होने जेलखानों को आराधना गृह का नाम दिया। लाठियों या गोलियों की परवाह न करते हुए अनगिनत महिलाओं ने इस देश की बेटी एवं बहु होने का फर्ज हँसते-हँसते अदा किया। ये महिलाएं नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्वरूप हैं, इन्होने अपने अदम्य साहस से भारत माता को गुलामी की जंजीर से मुक्त कराकर स्वतंत्रता का शंखनाद किया…………..

मैडम भिकाजी कामाः- ये भारत की प्रथम क्रान्तिकारी महिला थीं। विदोषों में निष्काशित जीवन व्यतीत करते हुए भारत की लङाई को जिवित रखा। 24 सितंबर 1861 को बंब्ई में एक पारसी परिवार में जन्म हुआ था। विदोषों में रहते हुए ये प्रमुख रूप से श्यामा जी, लाला हरदयाल, वीर सावरकर, आदि के साथ सक्रिय रहीं। 1907 में जर्मनी में अंर्तराष्ट्रिय समाजवादी सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए इन्हे राष्ट्रिय ध्वज फैराने का गौरव प्राप्त हुआ था। इंग्लैण्ड में इन्हे अपराधी घोषित किया गया और वहां से निकल जाने का हुक्म दिया गया। ये इंग्लौण्ड से फ्रांस आ गईं, वहां से इन्होने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को जारी रखा। 13 अगस्त 1936 को आपका निधन हो गया।

श्रीमति एनीबेसेन्टः- एक अक्टुबर 1847 को लंदन में जन्मी एनीबेसेन्ट एक आइरिश महिला थीं। परन्तु भारतिय दर्शन एवं संस्कृति से प्रभावित होकर भारत आईं। उन्होने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी। 1919 में होमरूल लीग की स्थापना की। कांग्रेस के अधिवेशनो में वे सदैव पूर्ण स्वराज की मांग उठाती रहीं। एनीबेसेन्ट गरमदल की प्रमुख नेता थीं। 1916 में बनारस हिंदुविश्वविद्यालय की स्थापना में इनका महत्वपूर्ण योगदान था। 86 वर्ष की आयु में 20 सितंबर1933 को मद्रास में उनका निधन हो गया।

कु. प्रीती लता:- यह एक सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी महिला थीं। प्रीती लता का जन्म 8 मई 1911 को चटगॉव में हुआ था, जो अब बंगाला देश में है। चटगॉव शस्त्रागार काण्ड में आपने भाग लिया था। ये इस काण्ड में गंभीर रूप से जख्मी हो गीई थी। अंग्रेज सिपाहियों ने उन्हे घेर लिया था। अंग्रेजो के हाँथ वे न लगें इसलिए उन्होने सायनाइड खाकर अपने को देश के लिए बलिदान कर दिया।

कस्तूरबा गाँधीः- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पत्नी, कस्तूरबा गाँधी का जन्म 1869 में पोरबंदर में हुआ था। स्वतंत्रता के कार्यक्रमों में वे सदैव गाँधी जी के साथ रहीं और अनेक बार जेल गईं अंतिम बार 9अगस्त 1942 को उन्हे गाँधी जी के साथ आगा खाँ जेल में नजरबंद कर दिया गया था, वहीं बन्दी जीवन में ही 22 फरवरी 1944 को उनका निधन हो गया।

कु. खुर्शिद बैन नौरोजीः- राष्ट्रीय नेता दादा भाई नौरोजी की पोती कु. खुर्शिद बैन नौरोजी का जन्म 1894 में हुआ था। विदेषों से शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद इनपर वहाँ का रंग नही चढा। भारत की स्वतंत्रता के लिए लोगों को जागरूक करती रहीं और आजादी के आन्दोलन में 8 बार जेल गईं। सन् 1966 में आपकी मृत्यु हुई।

कमला देवी चट्टोपाध्याः- 3 अप्रैल 1903 समाज सेविका कमला देवी चट्टोपाध्या का जन्म बंगौलर में हुआ था। राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के लिए चलाए गये सभी आन्दोलनो में उन्होने हिस्सा लिया और अनेकों बार जेल भी गईं। आजादी के दौरान सोशलिष्ट पार्टी की स्थापना में उनका प्रमुख योगदान रहा।

सरोजनी नायडु:- प्रथम श्रेणीं की राष्ट्रीय नेता एवं सुप्रसिद्ध कवित्री सरोजनी नायडु का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। ओजस्वी कविताओं के कारण भारत कोकिला के नाम से प्रख्यात सरोजनी नायडु को 1925 के कानपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस की अध्यक्ष चुना गया था। एतिहासिक दांडी यात्रा में गाँधी जी के साथ थीं। गाँधी इरविन पैक्ट के अर्न्तगत दूसरे गोलमेज सम्मेलन में गाँधी जी के साथ लंदन गईं थीं। सभी राष्ट्रीय आन्दोलन में उन्होने हिस्सा लिया और अनेक बार जेल यात्राएं की। आगा खाँ जेल में नजर बंदी के दौरान ये भी गाँधी जी के साथ थीं। भारत की स्वतंत्रता के बाद सरोजनी नायडु को पहली महिला गर्वनर नियुक्त किया गया था।

कु. कल्पना दत्तः- एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त कल्पना दत्त का जन्म चटगॉव में हुआ था। चटगॉव शस्त्रागार काण्ड में सूर्यसेन के नेतृत्व में क्रियाशील रहीं किन्तु उस समय पुलिस उन्हे गिरफ्तार नही सकी। 1933 में कङे संघर्ष के बाद सूर्यसेन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। 12 फरवरी 1934 को आजीवन कारावास की सजा दी गई।

विजय लक्ष्मी पंडितः- मोती लाल नेहरु की पुत्री विजय लक्ष्मी का जन्म 1900 में इलाहाबाद में हुआ था। सदैव स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहते हुए नमक सत्याग्रह में हिस्सा लेने के साथ ही विदेशी कपङों की दुकानो पर धरने दिये। 1937 में जब प्रांतिय सरकारों की स्थापना हुई तब उत्तर प्रदेश के मंत्रीमंडल में पहली महिला मंत्री का कार्यभार संभाला।

डॉ. सुशिला नैय्यरः- इनका लगभग समस्त परिवार स्वतंत्रता संग्राम से जुङा हुआ था। बङे भाई प्यारे लाल नैय्यर गाँधी जी के सचिव थे। ये प्रायः सेवा ग्राम में रहती थीं। 1942 में नजरबंद के दौरान आगा खाँ जेल में 21 महिने रहीं। इन्होने सेवा ग्राम में कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी की स्थापना की जिसके माध्यम से आपने, आस-पास के गाँवों के लोगों के लिए उपाचार की व्यवस्था की। सेवाग्राम में ही गाँधी जी की स्मृति में महात्मा गाँधी साइंस इन्सटीट्यूशनकी स्थापना की थी। 3 जनवरी 2001 को सुशिला नैय्यर जी का निधन सेवाग्राम में हुआ।

अरुणा आसफ अलीः- राष्ट्रीय नेता आसफअली की पत्नी अरुणा आसफ अलि का जन्म 1906 में हुआ था। लाहौर और नैनिताल में शिक्षा प्राप्त अरुणा, नमक सत्याग्रह और असहयोग आन्दोलन में प्रमुख रूप से सक्रिय रहीं। 1942 के भारत छोङो आन्दोलन में आपका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनिय है। 9 अगस्त 1942 को जब अनेक बङे नेताओं को गिरफ्तार किया गया तो इन्होने भुमिगत रहकर राष्ट्रीय आन्दोलन को गतिशील बनाए रखा। तत्कालीन सरकार ने इनकी गिरफ्तारी के लिए 5000 नकद पुरस्कार की घोषित किया था, लेकिन ये अंत तक पुलिस के हाँथ नहीं आईं इसलिए अरुणा आसफ अलि को 1942 की हिरोइन कहा जाता है। जब 26 जनवरी 1946 को अंग्रेज सरकार ने इनके वारंट को रद्द करने की घोषणा की तभी ये सार्वजनिक रूप से सामने आईं।

राजकुमारी अमृत कौरः- सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और गाँधी जी की निकट सहयोगिनी थीं। 2 फरवरी 1889 को कपूरथला में जन्मी राजकुमारी अमृत कौर ने ऐशो आराम का जीवन त्यागकर देश की स्वतंत्रता हेतु अनेकों बार जेल गईं। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात ये प्रथम केन्द्रिय मंत्रीमंडल में स्वास्थ मंत्री बनी।

लेडी अब्दुल्ल कादिरीः- 1883 में लाहौर में जन्मी लेडी अब्बदुल कादिरी ने 1922 से खिलाफत आन्दोलन और सविनय अवज्ञा आनदोलन में प्रमुख रूप से हिस्सा लिया था। लेडी अब्दुल्ल कादिरी का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश में लखनऊ में था।

अम्तु सलाम बेनः- गाँधी जी के सभी प्रमुख रचनात्मक कार्यो में निकट से जुङी रहीं। 1942 के आन्दोलन में रेहाना बहन के साथ सक्रिय रहीं। 1946 में नोआखली के सामप्रदायिक दंगो के शिकार लोगों की सहायता हेतु शान्ति यात्रा में गाँधी जी के साथ थीं।

दुर्गा बाई देशमुखः- सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाज सेविका दुर्गा बाई देशमुख का जन्म 1909 में आन्ध्रप्रदेश में हुआ था। एल.एल.बी तक शिक्षा प्राप्त की थी। स्वदेशी आन्दोलन में इन्होने अपने विवाह के समय के सभी विदेषी कपङों को जला दिया था। अपने किमती आभूषणों को देश हित के लिए गाँधी जी को समर्पित कर दिया था। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आन्दोलन में ये तीनबार जेल गईं थीं। 9 मई 1981 को आपका निधन हैदराबाद में हुआ था।

दुर्गा भाभीः- दुर्गा का जन्म 7 अक्टुबर 1907 को लाहौर में हुआ था। इनके पति भगवति चरण बोहरा सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी थे। दुर्गा भाभी ने लगभग सभी क्रान्तिकारी गतिविधियों में अपना योगदान दिया। दुर्गा भाभी क्रान्तिकारियों के छिपने के लिए गुप्त व्यवस्था करती थीं। चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, यशपाल आदि क्रान्तिकारियों की गतिविधियों से निकट से जुङी हुईं थीं।

कु. बिना दासः- 24 अगस्त 1911 में बंगाल में जन्मी बिना दास ने बी.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की थी। अध्ययन के दौरान ही ये क्रान्तिकारी गतिविधियों में सक्रिय हो गईं थीं। 6 फरवरी 1932 को कॉलेज के एक समारोह में बंगाल के गर्वनर स्टेनले जेक्सन पर गोली चला दी, लेकिन गर्वनर बच गये तब इन्हे पकङ लिया गया और 9 वर्ष की कङी कैद की सजा दी गई। 1942 के आन्दोलन में भी सक्रिय रहीं किन्तु तब इनको अंग्रेज गिरफ्तार न कर सके।

श्रीमति जानकी देवी बजाजः- प्रसिद्ध उद्योगपति जमना लाल बजाज की पत्नि श्रीमति जानकी देवी बजाज ने अपने घर की सभी विदेशी वस्तुओं को जला दिया था। सरकार विरोधी भाषणों के कारण उन्हे अंग्रेज सरकार ने कुछ समय तक जेल में रखा था।

श्रीमति सुचेता कृपलानीः- 1908 में अम्बाला में जन्मी सुचेता कृपलानी देशभक्त, आचार्य जे बी कृपलानी की पत्नी थीं। श्रीमति सुचेता कृपलानी भारत छोङो आन्दोलन में अरुणा आसफ अलि के साथ भुमिगत रहकर आन्दोलन का संचालन करती रहीं। इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. की परिक्षा पास की थी। आजादी के उपरान्त अनेक बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं। अक्टुबर 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। ये स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। आजादी के बाद देश में कई जगह साम्प्रदायिक दंगे भङक उठे थे, सुचिता कृपलानी ने दंगा पिङीत लोगों को राहत पहुँचाने का कार्य किया था।

बहन सत्यवतिः- दिल्ली की सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सेविका सत्यवति का जन्म 1906 में दिल्ली में हुआ था। लगभग सभी आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी देते हुए, खराब स्वास्थ के बावजूद कई बार जेल भी गईं। उस समय की टी.बी. जैसी गंभीर बिमारी के बावजूद उन्होने अपने प्रयासो से दिल्ली में महिलाओं के मन में स्वतंत्रता के प्रति जागरुकता का शंखनाद किया। सत्यवति जी की प्रेरणा से हजारों महिलाओं ने उनका अनुसरण करते हुए स्वतंत्रता के आंदोलन में अपना योगदान दिया।

मृदुला सारा भाईः- 1911 में अहमबदाबाद में जन्मी मृदुला सारा भाई का समस्त परिवार स्वतंत्रता के आन्दोलनो में सक्रिय रहा। स्वतंत्रता के लिए अनेकों बार जेल गईं और जब भारत विभाजन में साम्प्रदायिक दंगे भङके तो दंगा पिङीत लोगों की सहायता में सक्रिय रहीं।

लाडो रानी जुत्सीः- लाडो रानी जुत्सी ने पंजाब में महिलाओं का जागरुक किया और महिलाओं को एकत्र कर शराब की दुकाने बंद कराने एवं विदेषी वस्तुओं के बहिष्कार में महत्वपूर्ण भुमिका का निर्वाह किया। 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान इन्हे एक वर्ष तक के लिए जेल में बंद कर दिया गया था। 1932 में विषेधाग्या भंग करने के आरोप में पुनः 18 महिने के लिए जेल गईं।

सरला बहनः- 5 अप्रैल 1900 में लंदन में जन्मी कु. कैथलिन 1938 में समाज सेवा के लिए भारत आईं। गाँधी जी से प्रभावित होकर उनके अनेक कार्यक्रमें से जुङी रहीं। 1942 के भारत छोङो आन्दोलन में विशेष रूप से सक्रिय रहीं। ये जीवन पर्यन्त अलमोङा में समाज सेवा का कार्य करती रहीं। इस क्षेत्र में रचनात्मक कार्यो को बढाने हेतु कौशानी आश्रम की स्थापना की। 40 वर्षों तक निरंतर देश सेवा के उपरान्त 8 जुलाई 1962 को उनका निधन हो गया।

रानी गाइनडिल्युः- जॉन ऑफ आर्क नाम से प्रख्यात रानी गाइनडिल्यु का जन्म 26 जनवरी 1915 को नागालैण्ड में हुआ था। ये सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी महिला थीं। रानी गाइनडिल्यु ने 17 वर्ष की अल्प आयु में ही अपने हजार अनुयाइयों के साथ अंग्रेजों के प्रति गोरिल्ला युद्ध छेङ कर उन्हे पराजित किया। 17 अक्टूबर 1942 को इन्हे अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया तथा गंभीर प्रताङना दी गई। आजिवन कारावास का दंड मिला। जब प्रान्तिय शासन आरंम्भ हुआ तब अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को छोङा गया किन्तु जवहारलाल नेहरु के प्रयासों के बावजूद इन्हे रिहा नही किया गया। भारत की आजादी के उपरान्त ही इनको जेल से रिहाई मिली, तद्पश्चात ये जीवन भर लोकप्रिय नागानेता के रूप में सामाजिक सुधार के कार्यक्रमों में सक्रिय रहीं।

सुशिला दीदीः- प्रसिद्ध क्रान्तिकारी महिला सुशिला दीदी का जन्म 5 मार्च 1905 को गुजरात में हुआ था। काकोरी कांड के केस में खर्च हो रहे रूपये हेतु इन्होने अपने सारे जेवर दान कर दिये थे। अपने अध्ययन काल के दौरान से ही ये चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, भगवतिचरण वोहरा एवं दुर्गा भाभी के साथ क्रानितिकारी गतिविधियों में सदैव सक्रिय रहीं। दिल्ली में वायसराय लार्ड इरविन की ट्रेन उङाने की जो योजना बनाई गयी थी। उसमें इन्होने क्रान्तिकारियों तक सभी सुचनाएं पहुँचाने का दायित्व निभाया था।

स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्य न्यौछावर करने वाली अमर बलिदानी महिलाओं को कभी भी भुलाया नही जा सकता, उनके बलिदान को महिला दिवस पर नमन करने का प्रयास है। भारत की स्वतंत्रता से लेकर स्वयं की एवं समाज तथा देश की रक्षा करने में सक्षम है नारी, सिर्फ उसे अपनी शक्ति को आज के परिपेक्ष में नई पहचान की जरूरत है, जिससे कोई भी उसके साथ अराजकता का व्यवहार न कर सके।
Everyday remind yourself that You are the best.
Happy Women’s Day

Anita Sharma
Post inspired by रौशन सवेरा. I am grateful to Mrs. Anita Sharma ji & रौशन सवेरा (http://roshansavera.blogspot.in/) Thanks a lot !!



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