Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ एक माँ का सन्देश। ϒ
सब माँओ की तरह मैं भी अपनी माँ से बहुत प्यार करती हूँ, उनका बहुत सम्मान करती हूँ। आज जब मैं स्वयं दो प्यारी बेटियों कि माँ हूँ, तो मैं उस अहसास को अच्छी तरह समझ सकती हूँ जो एक बेटी को स्वावलंबी बनाने के लिए आवश्यक है।
मेरी माँ ने मुझे पढ़ाया लिखाया और आत्मनिर्भर बनाया व यह सिखाया कि “शिक्षा” (Education) से बढ़कर कुछ नहीं है। शिक्षा ही मनुष्य को सही मायनों में मानवाेचित गुण जैसे – प्रेम, करुणा, त्याग, देश प्रेम आदि सिखाती है। एक बेटी को पढ़ाना और अधिक अनिवार्य है क्योकि आने वाले समय में वह एक परिवार का, एक नये समाज का सृजन करेगी। बेटी को पढ़ाना अत्यधिक अनिवार्य है काम है क्योकि हमारे भारत में अभी भी लड़कियों की शिक्षा की तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया जाता।
तो ये नीचे लिखी कुछ पंक्तियाँ या याें कहाे की कुछ छाेटे-छाेटे संदेश उन सब के लिए हैं जाे बेटियाें की शिक्षा काे व्यर्थ मानते हैं …..
बेटी फूल है नहीं है शूल।
बेटी पढ़ना मत जाना भूल।
पड़ेगी बेटी तो जागेगा परिवार।
भारत ही नहीं, देखेगा संसार।
बेटी अबला नहीं, आलंबन है।
पढ़ाई से उसका, स्वावलंबन है।
बेटी पढ़ेगी ताे पढ़ेगा इंडिया।
हर कदम पर आगे बढ़ेगा इंडिया।
भारत की बेटी पर, हर किसी को नाज़ होगा।
और भारत के सिर पर “जगतगुरु” का फिर वही ताज होगा।
हर भारतवासी को अपना फर्ज़ निभाना है।
और बेटों से पहले बेटी को बचाना और पढ़ाना है।
मेरी कही हुई इन बातों से यदि भारत की एक बेटी को भी शिक्षा प्राप्त हो गई तो मैं ये समझूंगी की मेरा प्रयास सार्थक हो गया, मेरा लेखन प्रामाणिक हो गया(My writing became authentic)।
©- विदुषी शर्मा जी, दिल्ली ∇
ID : neerjasharma98@gmail.com

हम दिल से आभारी हैं विदुषी शर्मा जी के प्रेरणादायक हिन्दी Poem साझा करने के लिए।
विदुषी शर्मा जी के लिए मेरे विचार:
♣ “विदुषी शर्मा जी” की कविताआे के हर एक शब्द में अलाैकिक सार भरा हैं। जाे हर एक शब्द पर विचार सागर-मंथन कर हृदयसात करने योग्य हैं। कविताऐं छोटी और सरल शब्दाे में हाेते हुँये भी हृदयसात करने योग्य हैं। जाे भी इंसान इन कविताओं काे गहराई(हर शब्दाे का सार) से समझकर आत्मसात करें, उसका जीवन धन्य हाे जायें।
पढ़ें – विमल गांधी जी कि शिक्षाप्रद कविताओं का विशाल संग्रह।
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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”
In English
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~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)
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