kmsraj51 की कलम से…..
Coming Soon book,,
जल्द ही आ रहा, पुस्तक,
“तू न हो निराश कभी मन से” book
~Change your mind thoughts~
मेरे प्रिय पाठकों / मित्रों,
मैं शुरू कर रहा हूँ, एक मन परिवर्तक दैनिक आधार स्तम्भ !!
एक सफल जीवन के लिए मंत्र – मुक्त मन तनाव के लिए मंत्र !!
आत्मा का दैनिक भोजन (ब्रह्माकुमारी-हिन्दी मुरली)-
मुरली सार:- “मीठे बच्चे – याद में रहकर भोजन बनाओ तो खाने वाले का हृदय शुद्ध हो जायेगा, तुम ब्राह्मणों का भोजन बहुत ही शुद्ध होना चाहिए”
प्रश्न:- सतयुग में तुम्हारे दर पर कभी भी काल नहीं आता है – क्यों?
उत्तर:- क्योंकि संगम पर तुम बच्चों ने बाप द्वारा जीते जी मरना सीखा है। जो अभी जीते जी मरते हैं उनके दर पर कभी काल नहीं आ सकता है। तुम यहाँ आये हो मरना सीखने। सतयुग है अमर-लोक, वहाँ काल किसी को खाता नहीं। रावण राज्य है मृत्युलोक, इसलिए यहाँ सभी की अकाले मृत्यु होती रहती है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बन्धन मुक्त बनने वा अपनी उन्नति करने के लिए बुद्धि ज्ञान से सदा भरपूर रखनी है। मास्टर ज्ञान सागर बन, स्वदर्शन चक्रधारी होकर याद में बैठना है।
2) नींद को जीतने वाला बन याद और सेवा का बल जमा करना है। कमाई में कभी सुस्ती नहीं करनी है। झुटका नहीं खाना है।
वरदान:- इस अलौकिक जीवन में संबंध की शक्ति से अविनाशी स्नेह और सहयोग प्राप्त करने वाली श्रेष्ठ आत्मा भव
इस अलौ¬किक जीवन में संबंध की शक्ति आप बच्चों को डबल रूप में प्राप्त है। एक बाप द्वारा सर्व संबंध, दूसरा दैवी परिवार द्वारा संबंध। इस संबंध से सदा नि:स्वार्थ स्नेह, अविनाशी स्नेह और सहयोग सदा प्राप्त होता रहता है। तो आपके पास संबंध की भी शक्ति है। ऐसी श्रेष्ठ अलौकिक जीवन वाली शक्ति सम्पन्न वरदानी आत्मायें हो इसलिए अर्जी करने वाले नहीं, सदा राज़ी रहने वाले बनो।
स्लोगन:- कोई भी प्लैन विदेही, साक्षी बन सोचो और सेकण्ड में प्लेन स्थिति बनाते चलो।
आध्यात्मिक सेवा में,
ब्रह्माकुमारी
Note::-
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Picture Quotes By- “तू न हो निराश कभी मन से” किताब से
100 शब्द या 10 शब्द – एक सफल जीवन के लिए –
(100 Word “or” Ten Word For A Successful Life )
“तू न हो निराश कभी मन से” किताब => लेखक कृष्ण मोहन सिंह (kmsraj51)
“अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो, की व्यथ॔ के लीये समय ही ना बचे” -Kmsraj51
कुछ भी आप के लिए संभव है ॥
जीवन मंदिर सा पावन हाे, बाताें में सुंदर सावन हाे।
स्वाथ॔ ना भटके पास ज़रा भी, हर दिन मानो वृंदावन हाे॥
~kmsraj51
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मैं अपने सभी प्रिय पाठकों का आभारी हूं….. I am grateful to all my dear readers …..
“तू न हो निराश कभी मन से” book
~Change your mind thoughts~
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