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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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author vijaylaxmi

देव पूर्णिमा।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ देव पूर्णिमा। ♦

चली है नई हवा देव पूर्णिमा पर,
ठंडी हवा से लगा वसंत आया लगता है।
सभी जगह खुशनुमा माहौल है,
सर्द पूर्णिमा के साथ वसंत सा आया लगता है।

आओ ऐसी पूजा करे ठंड से,
भूख से, मौत न हो किसी की,
देव पूर्णिमा सर्द ऋतु के साथ बसंत आया लगता हैं।
चारों ओर माहौल में धुआं – धुआं सा छाया है।

इस धुएं को छांटने सर्द हवाओं के साथ,
बसंत सा आया लगता है।
जो महामारी फैली है संसार में चारों ओर,
इसे खत्म करने सर्द ऋतु में बसंत सा आया लगता है।

हरियाली छाई है सर्द मौसम में,
देव पूर्णिमा के साथ वसंत सा आया लगता है।
हर चेहरे पर खुशी की शमा जलती रहे विजयलक्ष्मी,
ये सर्द हवाओं के मौसम में वसंत आया लगता है।

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

—————

  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — बुरी शक्तियों पर दैवी शक्तियों को जीत जब मिलता है, उस जीत की खुशी में सभी देवतागण द्वारा जो दीपक जलाकर अपनी खुशी जाहिर की जाती है वही देव दीपावली का महापर्व कहलाया। आओ हमसब मिलकर इस देव दीपावली महापर्व को सच्चे मन से मनाए। इस दिन ध्यान साधना करे, सच्चे मन से। अपने मन को शांत रखने के लिए इस देव दीपावली पर देशी घी से यज्ञ करे पूर्ण शांत मन से। देव दीपावली पर पुरे दिन अच्छे व सच्चे मन से ध्यान – साधना में रत रहे। पूर्ण शांत मन से ध्यान करने से, आपके आत्मा की सुषुप्त शक्तियां जागृत होने लगती। आत्मा की सुषुप्त शक्तियां जिस भी मनुष्य की जागृत हो जाती है, उसके लिए हर कार्य आसान हो जाता हैं।

—————

यह कविता (देव पूर्णिमा।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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बाल दिवस और इतिहास।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बाल दिवस और इतिहास। ♦

बाल दिवस सार्थक हो हमारा, ऐसा बाल दिवस मनाते हैं।

आओ हम सब मिलकर बाल दिवस मनाते हैं।
बाल दिवस के साथ थोड़ा इतिहास दोहराते हैं॥

सबसे पहले ये दिवस मनाने का बीड़ा उठाते हैं।
20 नवंबर 1956 को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस मनाते है॥

सभी देश अलग – अलग तिथियों में ये दिवस मनाते है।
सभी देश मिलकर सर्वसम्मति से बच्चों के लिए न्यायिक कानून बनाते हैं॥

14 नवंबर 1889 को जन्मे प. जवाहर लाल जी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कहलाते हैं।
बच्चे थे उनको प्यारे इसलिए चाचा नेहरू नाम धराते है॥

27 मई1964 को नेहरू जी स्वर्ग सिधार जाते है।
उनकी याद में 14 नवंबर को हम राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस मनाते हैं॥

आओ हम सब मिलकर थोड़ा इतिहास दोहराते हैं।
जो देश के लिए हुए कुर्बान बच्चे उनके बारे में बच्चों को बताते हैं॥

सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह कहे जाते है,
इनकी पत्नी जीतो की कोख से चार पुत्र जन्म पाते हैं॥

अजीत, जुझार, जोरावर, फतेह सिंह नाम धराते है,
नौकर की गद्दारी से जोरावर, फतेह सिंह को सरहिंद नवाब वजीर खां दीवार में चुनवाते है॥

1705 में औरंगजेब चमकौर में सेना के साथ हमला करवाते हैं,
अजीत, जुझार सिंह उनसे लड़ते हुए 18 और 14 वर्ष की आयु में शहिद हो जाते हैं॥

इन सब के साथ जहन में वीर हकीकत राय का नाम याद आ जाता है,
1719 मे पिता लाला भागमल पुरी, माता कैरो के घर जन्म पाते हैं॥

1734 में धर्म के अपमान का प्रतिकार करने के कारण मुसलमान उनकी गर्दन कटवाते है,
आओ हम सब मिलकर ऐसे वीर बच्चों के आगे शीश झुकाते हैं॥

विजयलक्ष्मी हरियाणा है कहती आओ हम सब मिलकर ऐसा बाल दिवस मनाते हैं,
सार्थक हो बाल दिवस मनाना जब हम हर बच्चे के मन में देश भक्ति का भावना भर पाते हैं॥

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — बच्चे मन के सच्चे होते है, वे कुम्हार के चाक पर रखे मिट्टी के समान होते है, उन्हें जैसा ढालना चाहे ढाल सकते हैं। बच्चों को संस्कारवान, परोपकारी व दया, प्रेम, धैर्य के गुणों से सिंचित करना चाहिए, क्योंकि किसी भी देश का भविष्य उस देश के बच्चों पर ही निर्भर होता हैं। बच्चे आने वाले कल के सूत्रधार है। बच्चों पर कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए, यदि बच्चे कोई गलती करे तो उन्हें प्यार से समझा दे। कभी भी उनकी पिटाई न करे, पिटाई करने से उनके मन में आपके प्रति घृणा का भाव उत्पन्न होने लगता है, ऐसे बच्चे आगे चलकर बहुत ही गलत कदम उठाने लगते हैं। अतः सदैव ही बच्चों को प्रेम से ही समझाना चाहिए, जिससे वो समझ भी जाए, और उनके बाल मन पर कोई बुरा प्रभाव भी न पड़े।

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मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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दीपक संग इतिहास।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ दीपक संग इतिहास। ♦

दिवाली का पर्व आया है धूमधाम से मनाना है।
धनतेरस से भैया दूज, इन पांच दिनों का इतिहास पुराना है॥

दिवाली के दिन श्री राम जी अयोध्या लौटकर आए थे।
इस खुशी में सब लोगों ने अपने घरों में घी के दीप जलाए थे॥

इसी दिन मां दुर्गा ने काली का रुप भी धारा था।
कितने पापी असुरों को मौत के घाट उतारा था॥

इसी दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
दिवाली के दिन ही पांडव भी अज्ञातवास काटकर आए थे॥

कार्तिक मास की अमावस्या को क्षीरसागर से हुई लक्ष्मी माँ प्रकट थी।
सुना है लक्ष्मी और विष्णु जी इसी दिन प्रणय सूत्र में बंधे थे॥

जब इन्द्र देव कुपित हुए बारिश करके तबाही मचाई थी।
श्री कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत उठा इन्द्र के गर्व को तोड़ा था॥

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा की रीत चलाई थी।
सभी गोकुलवासियों ने मिलकर संध्या समय गोवर्धन पर्वत की आरती उतारी थी॥

एकबार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वादशी को यमराज यमुना के घर पधारे थे।
भाई दूज नाम पड़ा इस दिन का यमुना ने यमराज से हर साल आने का प्रण लिया था॥

कठोपनिषद में कहा है नचिकेता के पिता ने यमराज को दान देने की बात कही थी।
पिता की बात मानी नचिकेता ने, कार्तिक अमावस्या को यमलोक पहुंचा गए थे॥

यह देख यमदेव खुश हुए फिर तीन वर मांगने को कहा था।
नचिकेता ने पिता का स्नेह, अग्नि विद्या और मृत्यु का ज्ञान मांगा था॥

दैत्यों के राजा बलि के राज्य में दया, दान, अहिंसा और सत्य व्याप्त था।
दैत्यों के राजा बलि के यहां विष्णु जी ने द्वारपाल का पद संभाला था॥

धर्मनिष्ठता स्मृति के साथ तीन दिन तक अहोरात्रि महोत्सव किया था।
यही महोत्सव दीपमालिका के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध हुआ था॥

विजयलक्ष्मी कलम रोककर है कहती, आओ भेदभाव को दूर कर स्नेह का दीप जलाए।
जो शहीद हुए हैं देश के लिए उनके स्वप्नों को हम साकार कर दिखाएं॥

॥ आप सभी को दीपावली प्रकाश पर्व पर — हार्दिक शुभकामनाएं ॥

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — धनतेरस से भैया दूज तक इन पांच दिनों का इतिहास बहुत ही पुराना है। दीपावली प्रकाश पर्व के इतिहास का विस्तार से वर्णन किया है, जैसे – श्री राम जी का अयोध्या लौटकर आना, मां दुर्गा ने काली का रुप धरकर कितने पापी असुरों को मौत के घाट उतारा। इसी दिन भगवान महावीर जी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। दिवाली के दिन ही पांडव भी अज्ञातवास काटकर वापस आए थे। कार्तिक मास की अमावस्या को क्षीरसागर से हुई लक्ष्मी माँ प्रकट, सुना है लक्ष्मी और विष्णु जी इसी दिन प्रणय सूत्र में बंधे थे, और भी बहुत कुछ हुआ था इस दिन।

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यह कविता (दीपक संग इतिहास।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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करवा चौथ और चाँद।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ करवा चौथ और चाँद। ♦

करवा चौथ व्रत से पहले दिन बाजारों की देखो शान,
मेहंदी लगवाने बैठी है सुहागिनें बाजार में लार-पतार।

साड़ी, सूट और लंहगा, चूनी लाल, हरे रंग से दुकानों की बढ़ा रहे हैं शान,
बाजार शोभा लगती है न्यारी जैसे स्वर्ग से अप्सरा है आई उतर।

अगले दिन सुबह सरगी खाकर व्रत का करती है अनुष्ठान,
सारा दिन कुछ न खाकर भजन कीर्तन से मौज मस्ती करती है सारी।

सज – संवर कर कथा सुनती है सास के चरणों में दिल कर अर्पन,
शिव – पार्वती और गणेश की पूजा कर फिर करती है आरती सारी।

सबको खिला – पिला कर राह तके चांद की लगा टकटकी आसमान,
ए चांद कहां छुपे हो इक झलक दिखला जाओ सुहागिनें करती है गुहार।

इक चांद पलकों में है इक बादलों में लुका – छिपी कर करता है परेशान,
ए – चांद – चांदनी को चंद लम्हे करो अर्पण सुहागिनें उतारे आरती तिहारी।

कहां छिपे हो निर्मोही दर्शन की बाट लिए थक गए हैं हमारे नयन,
चांद का दिल पसीज आता है सुन सुहागिनों की पुकार।

खुश हो सुहागिनें सारी चांद की करती है पूजा अर्चना पति के संग,
पति के हाथों से जल ग्रहण करती है चांद की आरती उतार।

हां पिया ही तो है उसकी खुशियों का सारी भू-धरा और असमान,
लंबी आयु की दुआ मांगे भावुकता से हो भाव विभोर।

उसके लिए तो बस पिया ही है दुनिया में दोनो जहान,
करवाचौथ का व्रत है सभी सुहागिनों का प्यारा – प्यारा त्यौहार।

॥ आप सभी बहनों को करवाचौथ पर — हार्दिक शुभकामनाएं ॥

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को और अधिक मजबूती देने वाले पर्व करवा चौथ के बारे में विस्तार से बताया है। तेरी चंद्र कलाओं से भी सुंदर, सजने का इनका सलीका होगा। चाँद और नारी के गुणों व पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार का सुंदर मधुर वर्णन किया है। पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है इसलिए संगनी का आधार, पिया का गुरुर, बनाता संबंध मजबूत। एक दूसरे का कर सम्मान, अर्धनारीश्वर यही कराता भान, जीवन संगनी के प्यार से संघर्षमय जीवन, हो जाता आसान।

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यह कविता (करवा चौथ और चाँद।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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शैलपुत्री : माँ दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ शैलपुत्री : माँ दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा। ♦

एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया, भगवान शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है, उन्हें नहीं। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है।

सती का प्रबल आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो सिर्फ माँ ने ही उन्हें स्नेह दिया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव थे। भगवान शंकर के प्रति भी तिरस्कार का भाव है। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे। इससे सती को क्लेश पहुंचा। वे अपने पति का यह अपमान न सह सकीं और योगाग्नि द्वारा अपने को जलाकर भस्म कर लिया।

इस दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने उस यज्ञ का विध्वंस करा दिया। यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं। पार्वती और हेमवती भी इसी देवी के अन्य नाम हैं। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं। इनका महत्व और शक्ति अनंत है।

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — इस कथा के द्वारा माँ शैलपुत्री और भगवान शंकर जी के जीवन का उदाहरण देकर एक अच्छी पत्नी के कर्त्तव्य को समझाया है। एक अच्छी पत्नी के दिल में अपने पति के लिए सम्मान का क्या महत्व है, और अपने पति के सम्मान के लिए एक अच्छी पत्नी किसी भी हद तक जा सकती है। एक अच्छी पत्नी अपने पति के सम्मान के लिए किस हद तक त्याग कर सकती है।

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यह कविता (शैलपुत्री : माँ दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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जन्नत है घर की बेटियां।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ जन्नत है घर की बेटियां। ♦

दो घरों की ही नहीं, संसार की जन्नत होती है बेटियां,
बचपन में मां के पल्लू से लिपट कर सोती है बेटियां॥

उछलते, कूदते, फांदते, खेलते बचपन बिताती हैं बेटियां,
घर के सूने आंगन को तुलसी की तरह महकाती हैं बेटियां॥

थोड़ी बड़ी होने पर मां बाप का काम में हाथ बंटाती है बेटियां,
घर के आंगन में दादी पोते को ढूंढती है एक मां को नजर आती हैं बेटियां॥

बनकर रानी लक्ष्मीबाई आजादी का बिगुल बजाती है बेटियां,
सीता, सावित्री, मदालसा, अनुसूया, द्रौपदी सतियो में भी गिनी जाती है बेटियां॥

वक्त पड़ने पर दुर्गा और काली बन हां-हां कार मचा देती है बेटियां,
बनकर कर कल्पना चावला “नासा” में जा नाम देश का कराती हैं बेटियां॥

अपनी भू-धरा से लेकर आकाश में नक्षत्रों की सैर कराती है बेटियां,
वायुयान उड़ाने वाली सरला ठकुराल, मीरा चानु, गीता और बबीता भी है बेटियां॥

बजा जीत का बिगुल मेडल ला भारत की शान बढ़ाती है बेटियां,
आधुनिकता की दौड़ में शामिल हो हर पहलू में साथ निभाती है बेटियां॥

पर न जाने क्यों ? कुछ निर्दयी दरिंदों के हाथों ‘निर्भया’ की तरह कुचली जाती है बेटियां,
“विजयलक्ष्मी’ सोचती है कि समाज कहता है हम करतें हैं नेकियां॥

फिर क्यों एक बेटी ही मां बनकर गर्भ में ही मरवाती है बेटियां,
कयो, क्यों, क्यों? फिर देवी स्वरुपा कह कर विदेशों में बेची जाती है बेटियां।
आओ हम सब मिलकर सकारात्मक बदलाव लाए, सभ्य समाज बनाएं॥

जय हिन्द जय भारत।

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

बेटी दिवस की सभी बेटियों को — KMSRAJ51.COM — की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं।

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — बेटियां शक्ति, प्रेम, करुणा, ममता की वह चुलबुली चिड़िया सी चहकती, फूल सी महकती मुस्कुराती, राजकुमारी सबकी प्यारी लाड़ली – दुलारी, सबका सदैव ही ध्यान रखने वाली। ईश्वर द्वारा मानव जाती के लिए प्रदान की गई अनमोल शक्तिपुंज हैं। जो हर रूप में प्रेम और सहयोग के लिए तैयार रहती है। आओ हम सब मिलकर सकारात्मक बदलाव लाए, सभ्य समाज बनाएं।

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यह कविता (जन्नत है घर की बेटियां।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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हिंदी हमारी शान है।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ हिंदी हमारी शान है। ♦

आओ 14 सितंबर 1953 का वो दिन याद करें हम,
जब हिंदी दिवस मनाया था सबका उत्साह बढ़ाया था॥

आओ इस दिन को स्कूल, कालेजों, शिक्षण संस्थाओं में मनाएं हम,
नवयुवाओं में चेतना भर जश्न के साथ त्यौहारों की तरह मनाया था॥

आज भी हम नए – नए आयामों से हिन्दी दिवस मनाते हैं,
अपने और अपनों के लिए शुभ संदेश पहुंचाते हैं॥

हिन्दी है हमारी राष्ट्रभाषा लगती सुरीली बड़ी प्यारी है,
हिन्दी भाषा नहीं है भावों की अभिव्यक्ति, ये तो बड़ी निराली है॥

मातृभूमि पर मर मिटने की ये है भक्ति इससे हमारी पहचान है,
आओ हिन्दी का मान बढ़ाकर विश्व में करानी पहचान है॥

आज हमने अपनेपन को झुठला दिया, बाहरी चमक धमक पर फिदा हुए हम,
कर दिया खड़ा हाशिए पर अब सबने मुझे झुठला दिया॥

सोचती है आज विजयलक्ष्मी दूसरी को घर में ला कर बिठा दिया,
अपनी तहजीब और संस्कृति को क्यों हम लोगों ने गुमा दिया॥

सोचती है आज विजयलक्ष्मी दूसरी को घर में ला कर बिठा दिया,
अपनी तहजीब और संस्कृति को क्यों हम लोगों ने गुमा दिया॥

हिन्दी हमारी शान है, पहचान है, हम सबका स्वाभिमान है,
इसका हमें परचम लहराना है नवयुवाओं में उत्साह जगाना है॥

आओ हम सब मिलकर अपनी पहचान को वापस लाए,
हिन्दी दिवस मनाना तभी होगा सफल विश्व में फिर से हिन्दी का डंका बजाएं॥
जय हिन्द – जय भारत!

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

मेरे सभी प्रिय पाठकों आप सभी को — KMSRAJ51.COM — की तरफ से तहे दिल से हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।

—————

  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से — हिन्दी राष्ट्रभाषा के महत्व, गुणों और प्रभाव को बताया है। हिन्दी हर भारतीय के दिल से निकलने वाली भाषा हैं। हिन्दी भाषा दिल को दिल से जोड़ने का कार्य करती है। एकलौती हिन्दी भाषा ही है जिसमे अपनापन है दुनिया की किसी भी अन्य भाषा अपनापन का स्थान नहीं। आओ हम सब मिलकर अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी को जन जन तक पहुचाये, हर बच्चा – बच्चा हिन्दी भाषा के महत्व को समझते हुए पढ़े, पढ़ाये, लिखे और अपनी भावनाओं को प्रकट करें।

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यह कविता (हिंदी हमारी शान है।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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समय बड़ा बलवान है।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ समय बड़ा बलवान है। ♦

समय की घड़ी टिक टिक करती जाए,
किसी के लिए न रुकने पाए।
कोई नहीं इसका मोल,
जिसने उपयोग किया उसी ने जाना
समय है कितना अनमोल।
समय बड़ा बलवान है॥

समय बड़ा बलवान है
ये धन से अधिक मूल्यवान है,
भाई समय बड़ा बलवान है।
जिसने इसकी कीमत नहीं जानी,
वहीं समय से हारा है।
समय रेत की मुट्ठी है,
हाथों से फिसलते जाना है॥

समय बड़ा बलवान है समय…
आओ समय की तालिका बनाए,
सबको इस पर चलना सिखाएं,
दुनिया में आगे बढना है तो,
हमको समय के साथ चलना है॥

क्योंकि समय बड़ा बलवान है समय…
समय की किमत श्री राम ने जानी,
मात – पिता की आज्ञा मानी,
रावण था बड़ा अभिमानी,
समय की चाल नहीं पहचानी॥

समय बड़ा बलवान है समय…
राज – पट गवां डाला,
भाईयों पुत्रों को मरवा डाला,
सब कुछ खत्म करवा डाला,
किसी की बात नहीं मानी॥

समय बड़ा बलवान है समय …
दुर्योधन हुआ बड़ा अभिमानी,
समय की चाल नहीं पहचानी।
श्री कृष्ण को बंदी बनाने चला,
किसी की बात नहीं मानी॥

समय बड़ा बलवान है समय…
फिर युद्ध हुआ बड़ा भयंकर,
सब भाईयों को मरवा डाला।
पांडव चले समय के साथ,
धर्म मार्ग पर क्योंकि…
समय की चाल को था पहचाना॥

समय बड़ा बलवान है समय…
श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में,
अर्जुन को गीता ज्ञान दिया।
विचित्र रूप दिखाया अपना,
समय को था कुछ पल ही रुकना॥

समय बड़ा बलवान है समय…
विजयलक्ष्मी का कहना …
समय है जीवन का गहना।
समय के साथ चलो मेरे भाई,
समय को नहीं है व्यर्थ गवाना॥
समय बड़ा बलवान है समय…

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

—————

  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — समय के महत्व को समझे और सही समय पर सही निर्णय ले, जिससे सभी का कल्याण हो। याद रखें, सही समय पर लिया गया सही निर्णय सदैव ही सभी के लिए हितकर होता है।

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यह कविता (समय बड़ा बलवान है।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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जीवन और संघर्ष।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ जीवन और संघर्ष। ♦

जब इंसान पैदा होता है,
जीवन में संघर्ष का पड़ाव शुरू होता है।
अनबोल बच्चा दूध के लिए रोता है,
यही से संघर्ष का दौर शुरू होता है॥

बड़ा होने पर संघर्षों का रुप बदल जाता है,
इंसान चुनौतियों का सामना करता है।
जीवन की नैया पार कर जाता है,
जीत की खुशी में फूला नहीं समाता है॥

संघर्ष के साथ ने व्यक्तित्व का निर्माण होता है,
तब कहीं जाकर समाज में स्थान मिलता है।
मां – बाप का मन हर्षित हो जाता है,
संघर्षों के साथ बेटा – बेटी आफिसर बन जाता है॥

संघर्षों के साथ जो कर्तव्यों का निर्वहन करता है,
जीवन रस के साथ इंसान का जीवन सार्थक हो जाता है।
विजयलक्ष्मी है कहती ए-इंसान संघर्षों से क्यों घबराता है,
अंत में संघर्ष करते हुए ही इंसान भगवान के चरणों में जगह पाता हैं॥

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

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  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — जब इंसान जन्म लेता है तब से ही उसके जीवन में संघर्ष शुरू हो जाता है और यह संघर्ष अंतिम श्वास तक चलता है।

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यह कविता (जीवन और संघर्ष।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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जीवन और धैर्यशीलता।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ जीवन और धैर्यशीलता। ♦

ना घबराना अंधियारे से,
ना डर कर पथ से भटकना,
धैर्य सहनशीलता के सब्र से,
ऐ मानव तू आगे बढ़ना,
जीत कभी तो पाएगा,
तू जीत कभी तो पाएगा॥

अपने जीवन से थकना ना तू,
हृदय में हौसला रख जीतने का तू,
विषम परिस्थितियों से,
लड़कर भी जीत जाएगा,
जीत कभी तो पाएगा,
तू जीत कभी तो पाएगा॥

नियमों के कदमों से,
श्री राम जैसा धैर्य रख,
सहनशीलता, मर्यादा के साथ चल तू,
मंजिल को अवश्य पाएगा,
जीत कभी तो पाएगा,
तू जीत कभी तो पाएगा॥

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

—————

  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — जीवन में कितना भी उतार चढ़ाव आये, कितनी भी समस्या आये कभी भी धैर्य व सहनशीलता छोड़ना मत। धैर्य व सहनशीलता से हर समस्याओं से बाहर निकल जाएंगे।

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यह कविता (जीवन और धैर्यशीलता।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

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Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, विजयलक्ष्मी जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: author vijaylaxmi, patience poem in hindi, poems about life and patience, poet vijaylaxmi, vijaylaxmi poems, जीवन और व्यवहार पर सुविचार, प्रेम और व्यवहार, विपत्ति में धैर्य पर शायरी, सब्र और सहनशीलता पर सुविचार, सब्र पर सुविचार

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