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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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hindi diwas par kavita

हिंदी हमारी शान है।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ हिंदी हमारी शान है। ♦

आओ 14 सितंबर 1953 का वो दिन याद करें हम,
जब हिंदी दिवस मनाया था सबका उत्साह बढ़ाया था॥

आओ इस दिन को स्कूल, कालेजों, शिक्षण संस्थाओं में मनाएं हम,
नवयुवाओं में चेतना भर जश्न के साथ त्यौहारों की तरह मनाया था॥

आज भी हम नए – नए आयामों से हिन्दी दिवस मनाते हैं,
अपने और अपनों के लिए शुभ संदेश पहुंचाते हैं॥

हिन्दी है हमारी राष्ट्रभाषा लगती सुरीली बड़ी प्यारी है,
हिन्दी भाषा नहीं है भावों की अभिव्यक्ति, ये तो बड़ी निराली है॥

मातृभूमि पर मर मिटने की ये है भक्ति इससे हमारी पहचान है,
आओ हिन्दी का मान बढ़ाकर विश्व में करानी पहचान है॥

आज हमने अपनेपन को झुठला दिया, बाहरी चमक धमक पर फिदा हुए हम,
कर दिया खड़ा हाशिए पर अब सबने मुझे झुठला दिया॥

सोचती है आज विजयलक्ष्मी दूसरी को घर में ला कर बिठा दिया,
अपनी तहजीब और संस्कृति को क्यों हम लोगों ने गुमा दिया॥

सोचती है आज विजयलक्ष्मी दूसरी को घर में ला कर बिठा दिया,
अपनी तहजीब और संस्कृति को क्यों हम लोगों ने गुमा दिया॥

हिन्दी हमारी शान है, पहचान है, हम सबका स्वाभिमान है,
इसका हमें परचम लहराना है नवयुवाओं में उत्साह जगाना है॥

आओ हम सब मिलकर अपनी पहचान को वापस लाए,
हिन्दी दिवस मनाना तभी होगा सफल विश्व में फिर से हिन्दी का डंका बजाएं॥
जय हिन्द – जय भारत!

♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦

मेरे सभी प्रिय पाठकों आप सभी को — KMSRAJ51.COM — की तरफ से तहे दिल से हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।

—————

  • “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से — हिन्दी राष्ट्रभाषा के महत्व, गुणों और प्रभाव को बताया है। हिन्दी हर भारतीय के दिल से निकलने वाली भाषा हैं। हिन्दी भाषा दिल को दिल से जोड़ने का कार्य करती है। एकलौती हिन्दी भाषा ही है जिसमे अपनापन है दुनिया की किसी भी अन्य भाषा अपनापन का स्थान नहीं। आओ हम सब मिलकर अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी को जन जन तक पहुचाये, हर बच्चा – बच्चा हिन्दी भाषा के महत्व को समझते हुए पढ़े, पढ़ाये, लिखे और अपनी भावनाओं को प्रकट करें।

—————

यह कविता (हिंदी हमारी शान है।) “विजयलक्ष्मी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

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