Kmsraj51 की कलम से…..
♦ बेबस हारी कामनायें। ♦
रात निगाहों में लगी ताकने,
बेबस हारी कामनायें।
आसमानों तक उड़ने वाले,
पंख-पंछियों के कट जायें।
गडमड केश सुलझाने में,
बीत गये बहारों के मौसम।
आतप उतरती रही प्राणों में,
भुलाते रहे प्रारब्ध निर्मम।
शिशिर के पीले पातों से,
जीर्ण – शीर्ण बदन कुम्हलायें।
दूर – दूर तक राहों में छितराये,
उष्णित दोपहर के सन्नाटे।
सुकोमल बिछावन पर चुभते,
क्लांतित उर में पैने काँटे।
सूखे रेगिस्तान के आँचल में,
कभी न उमड़ती गझिन घटायें।
आसक्त अभाषित अभिलाषा,
वीरानी आँखों से रो लेती है।
यामिका के निर्जन प्रहरों में,
बंद पलकों को भिगो लेती है।
धौल आलोक के चापों में,
नमित अँखियों को हम छुपायें।
वैरागन बन गई ज्योत्स्ना,
रह गई स्वप्निल आस प्यासी।
अबोल शब्दों में बातें करती,
दुर्दुम निशि से द्रवित उदासी।
धूमिल सिंधु भरी जल से,
इसमें डूब मरी सारी तृष्णायें।
♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦
—————
यह कविता (बेबस हारी कामनायें।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
—————
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____